कलवान घाटी में सैनिकों को मिला इको-फ्रेंडली सोलर टेंट का उपहार
भारतीय सेना, जो कलवान घाटी में कठोर और ठंडी परिस्थितियों में सेवाएँ प्रदान कर रही है, अब उनके लिए एक नया और अभिनव समाधान प्रस्तुत किया गया है। माननीय सोनम वांगचुक ने सोलर मिलिट्री टेंट की अवधारणा को विकसित किया है, जिसे खासतौर पर हमारे सैनिकों के लिए डिजाइन किया गया है। इन टेंटों की मदद से, सैनिक अत्यधिक ठंडे तापमान में भी गर्म और आरामदायक माहौल में रह सकते हैं।
बाहरी तापमान -14 डिग्री सेल्सियस होने पर भी, इन सोलर टेंटों के अंदर का तापमान +15 डिग्री सेल्सियस रहता है। यह विशेषता इन टेंटों को अत्यंत उपयोगी बनाती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ तापमान गिरकर बहुत कम हो जाता है। इसके अलावा, ये टेंट पूरी तरह से इको-फ्रेंडली हैं, क्योंकि इनमें केरोसिन या अन्य ईंधनों का उपयोग नहीं होता, जिससे धुआं या प्रदूषण की समस्या नहीं होती।
टेंट का वजन केवल 30 किलो है, जो इसे ले जाने में आसान बनाता है। इसे मोड़कर कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है, जिससे यह मोबाइल और लचीले सैन्य अभियानों के लिए उपयुक्त है।
इस पहल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह “मेड इन इंडिया” है, जो भारतीय नवाचार और आत्मनिर्भरता की भावना को दर्शाता है। सोनम वांगचुक के इस योगदान के लिए उन्हें व्यापक स्तर पर प्रशंसा और सम्मान प्राप्त हो रहा है, जिससे हमारे सैनिकों की सेवा और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है।
समाचार सौजन्य – चेन्ना केशव जी