पर्यावरण संरक्षण में पीपल, बरगद और नीम का योगदान: जागरूकता की जरूरत
पेड़ों की पर्यावरणीय महत्ता
पीपल, बरगद और नीम की पर्यावरण में विशिष्ट महत्ता है। पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% अवशोषण करता है, बरगद 80% और नीम 75%। इन पेड़ों को लगाना पिछले 68 वर्षों में सरकारी स्तर पर कम कर दिया गया है, और इसके स्थान पर विदेशी यूकेलिप्टस जैसे पेड़ों को लगाया गया, जो जमीन को जलविहीन कर देते हैं। इससे जलवायु परिवर्तन और गर्मी में वृद्धि हुई है।
सजावटी पेड़ों का बढ़ता चलन
आजकल हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ लगाए जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। हमें समझना होगा कि यदि वातावरण में स्वच्छ ऑक्सीजन देने वाले पेड़ नहीं होंगे तो गर्मी बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन का खतरा और भी बढ़ेगा।
पीपल की विशेषताएं
पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। पीपल को वृक्षों का राजा भी कहा जाता है और इसकी वंदना में एक श्लोक है: “मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।”