48
‘गद्दार’ कहे जाने पर CM शिंदे का गुस्सा, काफिला रोक कांग्रेस कार्यालय में जाकर दी सख्त चेतावनी
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 'गद्दार' नारे पर भड़के CM शिंदे, कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर दी चेतावनी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है और महायुति तथा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के बीच तीखे बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है। इसी राजनीतिक खींचतान का दृश्य सोमवार को मुंबई के चांदीवली इलाके में नजर आया, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का काफिला कांग्रेस नेता नसीम खान के कार्यालय के पास से गुजर रहा था।
जैसे ही शिंदे का काफिला वहां पहुंचा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने ‘गद्दार… गद्दार’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी दौरान संतोष काटके नामक युवक ने मुख्यमंत्री शिंदे के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया, जिससे मुख्यमंत्री का गुस्सा भड़क गया। नाराज होकर शिंदे ने अपनी कार रोकी और नसीम खान के कार्यालय में सीधे पहुंच गए। वहां उपस्थित कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के पदाधिकारियों से उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “क्या आप अपने कार्यकर्ताओं को इसी तरह की शिक्षा देते हैं? क्या उनका व्यवहार हमेशा ऐसा ही रहता है?”
घटना के बाद, मुख्यमंत्री के सुरक्षा दल ने संतोष काटके और अन्य कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। संतोष काटके के पिता साधु काटके रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले गुट) के जिला अध्यक्ष हैं। संतोष ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यालय में आकर उनके पिता से अनुशासन पर सवाल किए और धमकी दी। उन्होंने कहा, “क्या किसी को गद्दार कहना अपराध है?”
इस घटना पर चांदीवली से कांग्रेस उम्मीदवार नसीम खान ने कहा, “मुख्यमंत्री का इस तरह कार्यालय में आना और धमकी देना गलत है, लेकिन हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। लोकतंत्र में आलोचना का स्थान होना चाहिए।” इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसके बाद संतोष काटके ने मंगलवार सुबह मातोश्री पहुंचकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, और शिवसेना यूबीटी में आधिकारिक रूप से शामिल हो गए।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री का काफिला रोका:
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने काफिला रोककर कांग्रेस कार्यालय में नाराजगी जताई। - नारों और अभद्र भाषा से विवाद:
कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं ने ‘गद्दार’ के नारे लगाए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। - कार्यकर्ताओं की हिरासत और रिहाई:
संतोष काटके और अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लेकर बाद में रिहा कर दिया। - राजनीतिक टिप्पणी:
नसीम खान ने शिंदे के कार्यालय आने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया। - संतोष काटके का उद्धव से मिलना:
घटना के बाद संतोष काटके ने उद्धव ठाकरे से भेंट की और शिवसेना यूबीटी में शामिल हो गए।