मकराना में रविंद्र सिंह भाटी के समर्थन में उतरे विभिन्न समाज, मांगी उच्च स्तरीय सुरक्षा
मकराना, दिनांक 30 अप्रैल 2024
बाड़मेर लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके और वर्तमान में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद आज मकराना में व्यापक रूप से विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में राजपूत समाज सहित रावणा राजपूत, जांगिड़, ब्राह्मण, मुस्लिम और अखलियत समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
समुदाय के नेताओं ने उपखंड अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया जिसमें विधायक भाटी को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई।
भूमिका:
बाड़मेर लोकसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके और वर्तमान में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद आज मकराना में एक विशेष आयोजन हुआ।
घटना का विवरण:
सुबह 11:00 बजे वसुंधरा नगर के सामने राजपूत समाज एवं अन्य सभी समाज के सैकड़ो की संख्या में लोग इकट्ठे होकर अभी हाल ही में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की मिली धमकी के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। उपखण्ड अधिकारी के मार्फत ज्ञापन देखकर मुख्यमंत्री से रविंद्र सिंह भाटी को जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की गई।
समुदाय की प्रतिक्रिया:
भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष नारायण सिंह मिंडकियां ने कहा कि रविंद्र सिंह भाटी हमारे समाज के एक हीरो हैं और उन्हें जान से मारने की धमकी देना सिर्फ राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि अन्य समाजों में भी रोष पैदा कर रही है।
समर्थन और मांग:
शौर्य फाउंडेशन के शक्ति सिंह चौहान और समाजसेवी दिलीप सिंह चावंडिया ने भी बताया कि अगर सरकार रविंद्र सिंह भाटी पर लगे झूठे मुकदमों को नहीं हटाती है, तो पूरा समुदाय सरकारी कार्रवाई के खिलाफ गिरफ्तारी देने को तैयार है, जिससे सरकार की जेलें भी कम पड़ सकती हैं।
महत्व:
- सुरक्षा की मांग: रविंद्र सिंह भाटी को मिली जान से मारने की धमकी के चलते विभिन्न समाजों ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
- समुदाय की प्रतिक्रिया और विरोध प्रदर्शन: मकराना में विभिन्न समुदायों ने एकत्र होकर इस मुद्दे के विरोध में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन दिया।
- नेताओं की टिप्पणियाँ: रविंद्र सिंह भाटी की सुरक्षा के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए, नेताओं ने समाज के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकार से जेड प्लस सुरक्षा की मांग की।
- सरकारी कार्रवाई का विरोध: अगर सरकार द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो समुदाय ने सामूहिक गिरफ्तारी देने की धमकी दी, जिससे सरकारी संसाधनों पर दबाव पड़ेगा।